GIRIDIH (गिरिडीह)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् द्वारा बुधवार को महान वैज्ञानिक सर जेसी बोस की जयंती मनाई। इस दौरान स्थानीय झंडा मैदान स्थित उनकी प्रतिमा पर अभाविप कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण कर उन्हें नमन करते हुए, श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
मौके पर पूर्व अभाविप कार्यकर्ता रंजित राय ने कहा कि महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस का गिरिडीह से गहरा नाता रहा है। अपने जीवन का अंतिम स्वांस उन्होंने अपने गिरिडीह स्थित मकान में ही ली थे। जिस मकान में उन्होंने अंतिम स्वांस लिया उनके उस मकान में उनकी एक तिजोरी अब भी मौजूद है। जिसे आज तक खोला नहीं गया है।
हालांकि जेसी बोस के उस मकान को जिला प्रशासन द्वारा अब विज्ञान भवन बना दिया गया है। इसी विज्ञान भवन में उनकी तिजोरी रखी हुई है। जिसे खोलने का जिला प्रशासन ने दो बार कार्यक्रम निर्धारित किया, लेकिन दोनों बार तत्कालीन राष्ट्रपति सह मिसाइल मैन देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद का गिरिडीह आगमन नहीं हो पाया। नतीजतन तिजोरी का रहस्य अब तक बरकरार है।
उन्होंने कहा कि गिरिडीह सहित पूरे देश और दुनिया के लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि आखिर उनकी तिजोरी में क्या है। लेकिन जनप्रतिनिधियों की लापरवाही और जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण न तो तिजोरी खुल पा रहा है और न ही रहस्य पर से पर्दा ही उठ रहा है।
मौके पर सर जेसी बोस गर्ल्स स्कूल के प्राचार्य मुन्ना प्रसाद कुशवाहा, अभाविप के उज्जवल तिवारी, मंटू मुर्मू, बबलू यादव, रोहित बरनवाल, नीरज चौधरी, विकाश वर्मा, संध्या मिश्रा, विशाखा कुमारी, गुलशन यादव, पृथ्वी कुमार, नीरज सिंह, सहित कई छात्र-छात्राएं मौजूद थे।