नाबालिग के विवाह की हो चुकी थी तैयारियां, रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच बचाया नाबालिग का बचपन

GIRIDIH (गिरिडीह)। जिले के गांडेय प्रखंड के तारातांड थाना अंतर्गत हर्दिया, पंडरी गाँव में एक 14 वर्षीय नाबालिग की शादी 19 दिसम्बर को होना तय था। शादी की सारी तैयारियां हो चुकी है। इसकी सूचना 18 दिसम्बर की देर रात जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अलका हेम्ब्रम को मिली। सूचना के आलोक में इस बाल विवाह को रोकने की प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरु हो गई। जिला बाल सरंक्षण पदाधिकारी जीतू कुमार के नेतृत्व में रात में ही एक रेस्क्यू टीम का गठन कर टीम 19 दिसम्बर के सुबह 8 बजे तारातांड थाना पहुंची।

Advertisement

 

 

इस दौरान गांडेय बीडीओ निशांत अंजुम ने पंचायत सचिव सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी सुनीता कुमारी को तारातांड थाना भेजा। वहीं “बाल विवाह मुक्त भारत अभियान” के तहत “एक्सेस टू जास्टिस” कार्यक्रम के बनवासी विकास आश्रम एवं कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन की टीम भी थाना पहुंची।

 

 

तारातांड थाना प्रभारी प्रदीप कुमार महतो सदलबल रेस्क्यू टीम के साथ उक्त नाबालिग बालिका के घर पहुंचे। जहां टीम ने सूचना को सच पाया। घर में शादी को लेकर पूरी ताम झाम चल रही थी। थाना प्रभारी और रेस्क्यू टीम ने बालिका के पिता सलाउद्दीन मियां को बताया कि बाल विवाह निषेध अधनियम के अंतर्गत इस तरह का विवाह संज्ञेय अपराध है, और उनके रिश्ते नातेदारों को अपने साथ उक्त नाबालिक को लेकर थाना आ गये।

 

 

बाद में वहाँ से नाबालिग और उनके सभी रिश्तेदारों को CWC के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु जिला समाहरणालय लाया गया। जहां CWC के समक्ष नाबालिग बालिका के अभिभावकों ने अंडर टेकिंग बाउंड पर हस्ताक्षर कर शादी न करने का वचन दिया। CWC ने उक्त नाबालिग बालिका को 8 दिनों तक़ होम में रखने का आदेश दिया। जिसके आलोक में नाबालिग बालिका होम भेज दिया गया।

 

 

इस रेस्क्यू अभियान में बाल सरक्षण इकाई, बचपन बचाओ आंदोलन, बाल कल्याण समिति तथा समाज कल्याण विभाग की भूमिका सराहनीय रही। सबके सम्मिलित प्रयास से एक नाबालिग का बचपन बचाने में टीम को कामयाबी मिली। रेस्क्यू टीम में बचपन बचाओ आंदोलन, नीति आयोग के अंजली बिन, बनवासी विकास आश्रम के उत्तम कुमार, प्रियंका कुमारी, राजेश गोप शामिल थे।

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *