झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने की पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु लोक सुनवाई

GIRIDIH (गिरिडीह)। झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मंगलवार को मेसर्स रॉयल वेस्ट मैनजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु लोक सुनवाई का कार्यक्रम जमुआ के चकमंजों ग्राम पंचायत भवन में किया। जिसकी अध्यक्षता एसी विजय सिंह बिरुआ ने की।

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बैठक में उद्योग विभाग के जीएम जगरन्नाथ दास, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हजारीबाग के रिजिनल ऑफिसर जितेन्द्र प्रसाद सिंह, परामर्शी कार्यकारी कुमार मणिभूषण, चकमंजों की मुखिया जैबुन निशा, जिला परिषद सदस्य के प्रतिनिधि मनौवर हसल, पूर्व मुखिया चिना खान, गौशाला प्रबंधक सुरंजन सिंह और मुखिया प्रतिनिधि बारिक अंसारी थे। कार्यक्रम में कंपनी के चैयरमेन नौशाद अली, निदेशक अशोक कुमार, मैनेजर विरेन्द्र कुमार, विजय सिंह, शाहनवाज अंसारी थे। इसके पूर्व चैयरमेन नौशाद अली ने एसी और बोर्ड के रिजिनल ऑफिसर सहित अन्य अतिथियों का बूके देकर स्वागत किया।

 

उपस्थित लोग

लोकसुनवाई में भाग लेते हुए ग्रामीणों ने बारी-बारी से सवालों को रखा। जिसका जवाब बोर्ड के कॉर्डिनेटर मुनव्वर आलम सहित अन्य पदाधिकारियों ने दिया। ग्रामीण सह जनप्रतिनिधि सैयद मनौवर हसन, सुरंजन सिंह, जयप्रकाश सिंह, एसके शमीम, अनवर हुसैन, रंजीत कुमार यादव, महेन्द्र यादव, मो. नईम आदि ने प्रदूषण, जलस्त्रोत सहित अन्य सवाल किए। इसपर बोर्ड पदाधिकारियों ने ग्रामीणों के सवालों का जवाब देकर संतुष्ट भी किया।

 

मुनव्वर आलम ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि अस्पताल, स्वास्थ्य देखभाल सुविधा केन्द्र, ब्लड बैंक जैसी संस्थाओं से निकलनेवाले कचरे को अस्पताल का कचरा या बायोमेडिकल वेस्ट के रुप में जाना जाता है। बायोमेडिकल वेस्ट या हॉस्पीटल वेस्ट कचरे की एक विशेष श्रेणी है, जो अन्य कचरे की तुलना में संक्रामक प्रकृति के कारण खतरनाक है, इसलिए बायोमेडिकल वेस्ट को एक सामान्य बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट एंड डिस्पोजल फैसिलिटी यूनिट में अलग से ट्रीट किया जाता है। ग्रामीणों ने कल्याणकारी योजनाओं की मांग की। कहा कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिले। धन्यवाद ज्ञापन डायरेक्टर अशोक कुमार ने किया।

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