RANCHI (रांची)। मानव तस्करी के विरुद्ध झारखंड सरकार को बड़ी सफलता मिली है। महिला एवं बाल विकास विभाग तथा झारखंड पुलिस के प्रयास से जहां 19 लड़कियों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया गया है। वहीं दो मानव तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया है। मानव तस्कर इन लड़कियों को बहला फुसलाकर दिल्ली ले गये थे। ये सभी लड़कियां झारखंड के साहिबगंज जिला के बोरियो प्रखंड की निवासी हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र, नई दिल्ली एवं साहिबगंज पुलिस ने दो मानव तस्करों के घर से बरामद दस्तावेज के आधार पर इन 19 लड़कियों को मुक्त कराया है। मुक्त कराई गईं लड़कियों में 12 से 15 वर्ष के बीच की 14 नाबालिग हैं। वहीं पांच लड़कियां 18 वर्ष से अधिक उम्र की हैं। इन लड़कियों को मुक्त कराने में झारखंड पुलिस को झारखंड भवन, नई दिल्ली तथा दो स्थानीय एनजीओ मिशन मुक्ति फाउंडेशन तथा रेस्क्यू फाउंडेशन का सहयोग मिला।
बोरियों पुलिस की सूचना पर हुई कार्रवाई : नचिकेता
एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र की नोडल ऑफिसर नचिकेता ने बताया कि उन्हें झारखंड के बोरियो पुलिस द्वारा यह सूचना दी गई थी कि एक मानव तस्कर कई लड़कियों को बहल- फुसलाकर दिल्ली लाया है। पुलिस द्वारा दी गई सूचना के आधार पर स्थानीय पुलिस थाने से संपर्क स्थापित कर दो मानव तस्करों को पकड़ा गया। तस्करों के घर पर ही एक बच्ची मिली, जिसे वह मानव तस्करी कर दिल्ली लाया था। मानव तस्करों के मिलते ही साहिबगंज के एसपी कुमार गौरव को सूचना दी गई।
उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए तुरंत एक पुलिस टीम को दिल्ली के लिए रवाना किया। राजेश कुमार के नेतृत्व में दिल्ली आई बोरियो पुलिस ने दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में छापामारी कर लड़कियों को मुक्त कराया। मुक्त कराई गई सभी लड़कियों को दिल्ली के विभिन्न जिले के सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति ) में प्रस्तुत किया जाएगा एवं वैधानिक कार्रवाई के बाद उन्हें उनके घरों में पुनर्वासित किया जाएगा।
एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र के राहुल सिंह एवं निर्मला खलको ने बताया कि टोल फ्री नंबर 10582 नंबर के माध्यम से मानव तस्करी की जानकारी दी जा सकती है।
दलाल के जरिये इन लड़कियों को दिल्ली ले गए थे तस्कर
दिल्ली में मुक्त कराई गईं लड़कियों को दलाल के माध्यम से दिल्ली ले जाया गया था। झारखंड में ऐसे दलाल बहुत सक्रिय हैं, जो छोटी बच्चियों को बहला-फुसलाकर दिल्ली में अच्छी जिंदगी जीने का लालच देकर उन्हें दिल्ली लाते हैं और विभिन्न घरों में उन्हें काम पर लगाने के बहाने से बेच देते हैं। इससे उन्हें एक मोटी रकम प्राप्त होती है और इन बच्चियों की जिंदगी नर्क से भी बदतर बना दी जाती है।