DHANBAD (धनबाद)। 31 दिसंबर को डहरे टुसू परब पर वृहद झारखंड कला संस्कृति मंच की ओर से शहर में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। जिसमें धनबाद जिले के विभिन्न क्षेत्रों से लोग टुसू लेकर सरायढेला स्थित शिव मंदिर प्रांगण पहुंचे।।इसके बाद यह शोभा यात्रा पारंपरिक नृत्य, गीत, ढोल तासे के साथ सरायढेला शिव मंदिर प्रांगण से रणधीर वर्मा चौक, डीआरएम ऑफिस, पूजा टॉकिज, बेकारबांध, सिटी सेंटर, एसएसएलएनटी रोड होते हुए वापस रणधीर वर्मा चौक पहुंची।
शोभा यात्रा में हजारों की संख्या में महिला-पुरुष आदिवासी, मूलवासी अपनी भाषा, सभ्यता और अपनी संस्कृति को बचाने के लिए शामिल हुए। शोभा यात्रा को लेकर पुलिस के द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, मेडिकल टीम और जगह-जगह पानी की व्यवस्था की गई थी।
15 दिवसीय पर्व है टुसू, होती है प्रकृति की पूजा
वृहद झारखंड कला संस्कृति मंच के गणपत महतो ने कहा कि झारखंडियों का 15 दिवसीय परब है, जो अगहन संक्रांत से शुरू होता है। टुसू में मूल रूप से प्रकृति की पूजा होती है। लेकिन शहरीकरण के कारण यह परब धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रही थी। जिसे बचाए रखने के लिए वृहद झारखंड कला संस्कृति मंच ने बीड़ा उठाया है। क्योंकि टुसू महज परब नहीं यह हमारी संस्कृति व अस्मिता है। इस अस्मिता को बचाये रखने के लिए यह शोभायात्रा निकाली गई है।
वहीं हीरालाल महतो ने कहा कि यह शोभायात्रा झारखंड के मूलवासियों को अपनी कुड़माली संस्कृति को अत्याधुनिक दुनिया के सामने रखने और अपनी संस्कृति पर गौरवान्वित होने के लिए निकाली गई है। झारखंड की संस्कृति और सभ्यता को फिर से स्थापित करने का काम अब झारखंड का युवा करेगा।