GIRIDIH (गिरिडीह)। रेस्क्यू टीम ने रविवार को पीरटांड़ प्रखण्ड के खुखरा थाना क्षेत्र के बेरीतांड गाँव की एक 17 वर्षीया नाबालिग का जीवन नर्क होने से बचा लिया। टीम ने उक्त नाबालिग न केवल शादी होने से बचाया बल्कि नाबालिग के साथ उसके माता पिता को थाना लाकर लिखित बॉण्ड भरवाया। जिसमे स्थानीय मुखिया रामसागर किस्कू और पंचयात सचिव काली चरण महतो को गवाह बनाया गया है। अभिभावकों ने शादी नहीं करने का अंडर टेकिंग भरा है। वहीं इस दौरान धनबाद जिले के टुंडी निवासी लड़का पक्ष पुलिस आने की भनक सुन मौके से भाग खड़ा हुआ।
जानकारी के अनुसार बीते 30 दिसम्बर की रात्रि में बाल सरंक्षण इकाई से जुड़े कामेश्वर कुमार को सूचना मिली कि पीरतांड प्रखंड के खुखरा थाना क्षेत्र के बेरीतांड गाँव की एक नाबालिक की शादी 31 दिसम्बर को होने वाली है। उक्त सूचना के आलोक में बनवासी विकास आश्रम के सचिव सुरेश कुमार शक्ति ने खुखरा ओपी प्रभारी अजित महतो एवं पीरतांड के प्रखंड विकास पदाधिकारी को इसकी लिखित सुचना दिया।
वहीं रविवार 31 दिसम्बर की सुबह रेस्क्यू टीम खुखरा थाना पहुंची। टीम में शामिल सदस्य चांदनी मरांडी, मुकेश कुमार, उत्तम कुमार खुखरा ओपी प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस बल के साथ नाबालिक के घर पहुंचे। टीम के सदस्यों ने वहां शादी का मंडप सजा देखा। जिसमे दिन के 11 बज़े विवाह होने वाला था। पुलिस टीम के साथ रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने नाबालिग के साथ उसके माता पिता को अपने साथ थाना ले आयी। जहां उनसे बांड करवाया। और, रेस्क्यू टीम की सक्रियता से एक नाबालिक बच्ची का बचपन विवाह का शिकार होने से बच गया।
इस रेस्क्यू अभियान में जिला बाल संरक्षण इकाई, गिरिडीह के समन्वयक जीतू कुमार, सहकर्मी कामेश्वर कुमार, “बाल विवाह मुक्त भारत अभियान” के तहत “एक्सेस टू जास्टिस” कार्यक्रम के बनवासी विकास आश्रम, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन यु एस टीम के सदस्य सुरेश कुमार शक्ति, चांदनी मरांडी, उत्तम कुमार, मुकेश कुमार बचपन बचाओ आंदोलन, नीति आयोग के अंजलि बिन, खुखरा मुखिया रामसागर किस्कू और पंचायत सेवक सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी काली चरण महतो की भूमिका सराहनीय रही।