श्री कबीर ज्ञान मंदिर में श्रीमद्भागवत गीता जयंती का हुआ भव्य आयोजन

GIRIDIH (गिरिडीह)। सिरसिया स्थित श्री कबीर ज्ञान मंदिर में शनिवार को श्रीमद्भागवत गीता जयंती का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ गीता के 18 अध्यायों के अखंड पाठ से की गई। सद्गुरु मां ज्ञान के सानिध्य में 551 व्रतियों ने सस्वर गीता का अखंड पाठ किया।

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मौके सदगुरू मां ज्ञान ने कहा कि “गीता अद्वितीय ग्रंथ है यह भगवान के मुख से निकली साक्षात भगवान की वाणी है। हम सभी भाग्यशाली हैं जो भारत भूमि में जन्म लिए हैं। संसार में ऐसा कोई देश,कोई धर्म, कोई पंथ नहीं है जहां गीता जैसा महान ग्रंथ हो। भारत वह देश है जहां भगवान ने स्वयं अवतार लिया है और श्रीमद् भागवत गीता जैसा अनमोल उपहार जनमानस के समक्ष प्रस्तुत किया है। जिसके पठन-पाठन और स्वाध्याय से व्यक्ति का जीवन खुशी और आह्लाद से भर जाता है। उन्होंने कहा कि गीता जीवन जीने की कला सिखाती है।

 

 

 

 

 

कार्यक्रम विभिन्न संस्थाओं, सनातन धर्मावलंबियों और गीता प्रेमियों भाग लिया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अध्यापक राकेश रंजन उपाध्याय ने कहा कि जो अधर्म करता है वह तो पापी है ही लेकिन जो अधर्म का साथ देता है वह भी पाप का उतना ही भागी है। वहीं सेवानिवृत्ति प्राचार्य डीलो पंडित, ने कहा कि गीता गागर में सागर समेटे संपूर्ण ज्ञान का भंडार है।

 

 

 

 

मौके पर गिरिडीह कॉलेज के प्राचार्य अनुज कुमार सिन्हा, प्रधानाध्यापक विनोद शास्त्री उपाध्याय, क्रीड़ा भारती के सुधीर भारती, एलआईसी अधिकारी राजेंद्र उपाध्याय, देवेंद्र प्रसाद, दीपक पांडेय, अरुण माथुर, दीपक कुमार, अनिता सिन्हा, श्रीराम विश्वकर्मा, वार्ड पार्षद अशोक राम समेत कई अन्य विद्वत जनों ने भी अपने अपने विचार प्रस्तुत किये।

 

 

 

बताया गया कि गीता जयंती के मौके पर दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमे दूसरे दिन रविवार को श्री कबीर ज्ञान मंदिर परिसर में श्रीमद्भागवत गीता जयंती की पूर्णाहुति गीता ज्ञान महायज्ञ के साथ किया जाएगा। जिसमें श्रीमद् भागवत गीता के श्लोक के मंत्रोचार द्वारा मां ज्ञान के सानिध्य में यज्ञ हवन किया जाएगा। तत्पश्चात विशाल भंडारे के साथ गीता जयंती के दो दिवसीय आयोजन सम्पन्न होगा।

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