◆अलकापुरी, पुराना जेल परिसर एवं बीबीसी रोड पूजा समिति ने किया भव्य भण्डारा का आयोजन
GIRIDIH (गिरिडीह)। दुर्गापूजा की समाप्ति के बाद शहर के विभिन्न पूजा समितियों द्वारा शनिवार को भव्य भंडारा का आयोजन किया गया। जिसमें काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर माँ का प्रसाद ग्रहण किया।
इसी कड़ी में शनिवार अलकापुरी स्थित माँ दुर्गा मंदिर परिसर में भव्य भण्डारा का आयोजन हुआ। जिसमें काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर न केवल स्वंय प्रसाद ग्रहण किया बल्कि अपने घर परिवार के लोगों के लिये भी भंडारे का प्रसाद अपने साथ ले गए। इस भंडारे में न केवल अलकापुरी, कृष्णानगर, मोहनपुर, बोड़ो एवं भण्डारीडीह के लोग बल्कि शहर के विभिन्न मुुहल्लों के श्रद्धा्लुओं के अलावे इस गिरिडीह पचम्बा मुख्य मार्ग से होकर गुजरने वाले सभी भक्तगण अपने अपने वाहनों को रोक कर माँ दुर्गा के भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।
समिति के अध्यक्ष बासुदेव महथा एवं मुख्य संरक्षक रूद्र कांत लाल दास ने बताया कि अलकापुरी पूजा समिति द्वारा हर वर्ष दुर्गोत्सव उपरांत भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता रहा है। इसी कड़ी में यह आयोजन किया गया। पदाधिकारी द्वय ने बताया कि इस मंदिर परिसर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर स्वंय प्रसाद ग्रहण किये और घर परिवार के लोगों के लिये भी प्रसाद साथ ले कर गये। ताकि पूरा परिवार माँ के भंडारे का प्रसाद ग्रहण कर सके। इस भण्डारा कार्यक्रम के सफल संचालन में सचिव बासुदेव राम, सलाहकार सुनीत कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष मनिंद्र प्रभाकर, संरक्षक प्रमुख सन्तोष राय, आलोक विश्वकर्मा, अशोक सिंह समेत समिति के सभी सदस्यों की भूमिका सराहनीय रही।
वहीं शनिवार को पुराना जेल परिसर स्थित माँ दुर्गा मंदिर में भी भव्य भण्डारा का आयोजन हुआ। यहां भी काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होकर प्रसाद ग्रहण किये। जबकि श्री शक्ति मां दुर्गा पूजा समिति बी बी सी रोड की ओर से भी शनिवार को भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे में मोहल्ले वासी एवं नगर के अन्य मोहल्ले से लोगों ने आकर प्रसाद ग्रहण किया।
शारदीय नवरात्र में विजयादशमी के उपरांत हर वर्ष भंडारे का आयोजन होता है और यह लगातार 26 वर्षों से होता आ रहा है। माता रानी की कृपा सब पर बनी रहे। पूजा एवं भंडारे को सफल बनाने में निलेश सिन्हा, रीतेश सिन्हा, रवि कुमार, राजेंद्र लाल बरनवाल, चेतन विश्वकर्मा, विशाल कुमार,अमन विश्वकर्मा, आकाश स्वर्णकार, रोहित बरनवाल आदि का सराहनीय योगदान रहा।