GIRIDIH (गिरिडीह)। न्यू गिरिडीह–रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन कभी भी बन्द हो सकती है। संभव है रेलवे ने जिस तरह पूर्व में टाटानगर-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस को रद्द कर चुका है उसी तरह इस न्यू गिरिडीह- रांची रेल सेवा को भी रेलवे द्वारा स्थाई रूप से बंद कर दिया जाए।
इंटरसिटी ट्रेन में यात्रियों की संख्या रहती है कम
बता दें कि गिरिडीह वासियों की लम्बे समय से चली आ रही गिरिडीह से रांची सीधी रेल सेवा का शुभारंभ बीते दिनों न्यू गिरिडीह स्टेशन से केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सह कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी द्वारा हरी झंडी दिखा कर किया गया है। लेकिन रेलवे बोर्ड द्वारा लागू की गई उक्त ट्रेन की समय सारणी काफी अटपटा है। जिससे गिरिडीह वासियों को ऊक्त ट्रेन से कोई फायदा नहीं हो रहा है। ट्रेन सुबह में रांची से खुल दोपहर में गिरिडीह पहुंचती है और दोपहर में गिरिडीह से खुल रात में रांची पहुंचती है। जिस कारण उक्त ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या अपेक्षाकृत काफी कम रहती है। जिससे रेलवे के लिये इस ट्रेन का परिचालन घाटे का सौदा साबित हो रहा। रफ्तार यदि यही रही तो रेलवे बोर्ड इस सेवा को बंद करने की दिशा में कोई फैसला भी ले सकता है।
लोगों को नहीं मिल रहा ट्रेन से कोई फायदा
गौरतलब है गिरिडीह, कोडरमा एवं हजारीबाग ज़िले के लोग सरकारी व औपचारिक कार्य हेतु राजधानी रांची की यात्रा करते हैं। यह सभी काम दिन में ही संभव है। इन सभी इलाकों से रांची जाने वालों में मरीजों, व्यवसायियों और छात्रों की संख्या अधिक रहती है। वहीं रांची उच्च न्यायालय भी सुबह में खुलता है। क्षेत्र के कृषक भी रांची के बाजारों में अपना माल सुबह में ही बेचते हैं। लेकिन न्यू गिरिडीह- रांची एक्सप्रेस ट्रेन से सफर कर उन्हें किसी प्रकार का फायदा नहीं हो पा रहा है। क्योंकि यह ट्रेन रात में रांची पहुंचती है।
बसों से ही रांची यात्रा करना उचित समझ रहे लोग
वहीं अपने सारे काम के लिये अब भी इन इलाकों के लोग बसों के माध्यम से ही रांची जा- आ रहे हैं। क्योंकि बसों के माध्यम से ही उनके सारे कार्य रांची में सरलता से सम्भव हो पा रहा है। न्यू गिरिडीह- रांची ट्रेन से नहीं। इसलिए गिरिडीह से रांची के लिए दर्जनों बसों का परिचालन नियमित जारी है। हालांकि ट्रेन की यात्रा के बनिस्पत बसों से यात्रा करने में यात्रियों को अपेक्षाकृत अधिक भाड़ा वहन करना पड़ रहा है। बाबजूद इसके अपने सारे कामों को दिन के समय में पूरा करने के लिये यहाँ के लोग ट्रेन से नहीं बस से रांची जाना उचित समझते हैं।
ZRUCC सदस्य ने किया समय सारणी में बदलाव की मांग
दक्षिण-पूर्व रेलवे ZRUCC सदस्य अरुण जोशी ने दक्षिण-पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर समय सारणी में सुधार करने का आग्रह किया है।उन्होंने कहा है कि यात्रियों के हित में ट्रेन का न्यू गिरिडीह से प्रस्थान सुबह 4:00 बजे और रांची आगमन सुबह 10:00 बजे हो। वहीं रांची से वापसी में ट्रेन का प्रस्थान शाम 5:00 बजे और न्यू गिरिडीह आगमन रात 11:00 बजे हो। कहा है कि जिस प्रकार रांची-सासाराम इंटरसिटी एक्सप्रेस का मेंटेनेंस दिन के समय में हटिया में किया जाता है। उसी तरह इस ट्रेन का मेंटेनेंस भी हटिया यार्ड में कराया जाय।
मधुपुर तक ट्रेन के विस्तार का दिया सुझाव
प्रेषित पत्र में ZRUCC सदस्य ने एक दूसरा ऑप्शन देते हुये इस ट्रेन का विस्तार मधुपुर तक करने की सलाह दिया है। ताकि मधुपुर में ही ट्रेन का मेंटेनेंस कराया जाए, क्योंकि वहां रखरखाव की सुविधा उपलब्ध है और वॉशिंग पिट लाइन का काम भी दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। वहीं यह ट्रेन सुबह में मधुपुर से खुलकर सुबह में ही रांची पहुंच सकेगी। ZRUCC सदस्य ने दक्षिण-पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक को प्रेषित पत्र की प्रतिलिपि केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी के अलावे अन्य अन्य सांसदों एवं गिरिडीह चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष निर्मल झुनझुनवाला को भेजी है।
सलैया और बरही में हो ट्रेन का ठहराव : जोशी
दक्षिण-पूर्व रेलवे ZRUCC सदस्य अरुण जोशी ने न्यू गिरिडीह-रांची ट्रेन का सलैया और बरही में ठहराव देने का सुझाव दिया है। कहा है कि सलैया स्टेशन गिरिडीह शहर की उपनगरी पचम्बा के समीप है। पचम्बा के इर्द गिर्द एक बड़ी आबादी निवास करती है। सलैया में ट्रेन के ठहराव होने से अधिकांश लोगों को यहां से आवागमन करने में सुविधा होगी। वहीं बरही तीन राष्ट्रीय राजमार्गों का संगम स्थल है। जहां एक बड़ी आबादी निवास करती है। बरही में इस ट्रेन का ठहराव होने से ट्रेन यात्रियों की संख्यस में वृद्धि होगी और रेलवे को अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी।