रोजी रोटी की तलाश में तमिलनाडु गये झारखण्ड के पांच युवक बनाये गये बंधक

 

RANCHI (रांची)।  रोजी रोटी कमाने झारखण्ड के पांच युवकों को तमिलनाडु में बंधक बना लिये जाने का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। ये पांचों युवक राजधानी रांची के चान्हो प्रखण्ड के निवासी बताये जाते हैं।

 

तमिलनाडु में बंधक बनाये गये पांचों प्रवासी मजदूरों में जागेश्वर उरांव, मांगा उरांव, बोधना उरांव, आशीष उरांव और एतवा उरांव चान्हो के रघुनाथपुर पंचायत के गणेशपुर, चपाडीह और फूलडीह गांव के निवासी हैं।

 

बंधक बनाए गए इन पांचों युवकों के परिजनों ने चान्हो थाना में आवेदन देकर उन्हें सकुशल वापस लाने की गुहार लगायी है। थाने में दिए गए आवेदन में परिजनों ने बताया है कि विजिटिंग कार्ड में मिले नंबर पर फोन करने के बाद उन्हें काम देने की बात कहकर तमिलनाडु बुलाया गया था। बीते 15 सितंबर को जब पांचों युवक बुलाए गए पते पर पहुंचे तो उन्हें बंधक बना लिया गया और 15-15 हजार रुपये की मांग की जा रही है।

चान्हो थाना प्रभारी रंजय कुमार ने इस बाबत बताया कि परिजनों से मिले आवेदन मिलने के बाद पुलिस अनुसंधान शुरू कर दी है। टेक्निकल सेल के सहारे युवकों का लोकेशन निकाला जा रहा है। तमिलनाडु के किस स्थान पर उन्हे बंधक बनाया गया है पुलिस इसकी खोज शुरु कर दी है। जल्द ही मामले का खुलासा कर लिया जाएगा।

 

बता दें कि झारखण्ड प्रदेश के लिये यह कोई पहली घटना नहीं है। इसके पूर्व भी पंजाब, हरियाणा,उत्तर प्रदेश से भी इस प्रकार के कुछ मामले हाल के दिनों में सामने आये थे। वहीं काम की तलाश में विदेश गये झारखण्ड के मजदूरों के साथ भी ऐसी घटनाएं घटित हो चुकी है। बाबजूद इसके बेरोजगारी से त्रस्त लोग कम्पनी के प्रलोभन में दूर प्रदेश रोजी रोटी कमाने चले त जाते है ताकि अपने घर परिवार का सही तरीके से भरण पोषण कर सकें। लेकिन दूर देंश और प्रदेश जाने के बाद मजदूर वहां फंस जाते है। जिससे न केवल उनकी बल्कि परिवार की भी परेशानी बढ जाती है।

 

हालांकि पूर्व में ऐसे मामलों में राज्य व केंद्र सरकार ने पहल कर दूर देंश और प्रदेश गये लोगों की सकुशल वापसी करायी है। इस मामले में भी राज्य सरकार जल्द कोई पहल करे ताकि राजधानी रांची के चान्हो प्रखण्ड निवासी ये पांचों युवक सकुशल घर वापस लौट सकें।

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