Giridih : कोडरमा-महेशमुण्डा ट्रेन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी। घटना जिले के हीरोड़ीह थाना क्षेत्र के नैयटांड़ (धुरैता) के समीप की है। ट्रेन की चपेट में आकर हुई उक्त व्यक्ति की मौत ने केंद्र सरकार द्वारा चलाये गये गांव गांव में शौचालय योजना किस हद तक झारखण्ड में सिर्फ फाइलों में ही सिमट कर रह गयी है। इसकी कलई खोल कर रख दिया है। उसका पोल खोल दिया है।
घटना के सम्बंध में जो जानकारी मिली है उसके अनुसार जमुआ थाना क्षेत्र के पोबी पंचायत के बरवाडीह गांव निवासी 44 वर्षीय बोधी यादव शनिवार की शाम शौच के लिये रेल लाइन के किनारे गये थे। तभी वह ट्रेन की चपेट में आकर असमय काल के गाल में समा गये। जानकारी के अनुसार बोधी यादव दिहाड़ी मजदूर था। दैनिक मजदूरी से उसे जो पैसे प्राप्त होता था उसी से वह परिवार का भरण पोषण करता था। उसके पास उतनी राशि नहीं थी कि वह अपने घर मे शौचालय का निर्माण करा सके।
सरकार की शौचालय निर्माण योजना का भी लाभ उसे महज इस कारण नहीं मिल पाया होगा क्योंकि वह बाबुओं और शौचालय निर्माण कार्य मे लगे दलालों को चढ़ावा नहीं चढ़ा पाया होगा। नतीजतन वह और उसका परिवार आज भी खुले में शौच करने को विवश था। जिसका खामियाजा उसे अपनी जान गंवा कर चुकानी पड़ी। बोधी यादव की हुई इस मौत से उसके परिवार वालों पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। क्योंकि बोधी घर का इकलौता कमाऊ सदस्य था। उसकी इस आकस्मिक मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।
इधर, गांव से दूर घटना होने के कारण लोगों को देर से घटना की जानकारी हुई। जानकारी मिलते ही काफी संख्या में लोग घटना स्थल पर पहुंचे और इस रेल रूट में आसपास कोई रेल थाना नहीं होने के कारण लोगों ने घटना की सूचना हीरोडीह थाने की पुलिस को दी। सूचना मिलते ही हीरोडीह थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मृतक बोधी के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु गिरिडीह सदर अस्पताल भेज दिया। वहीं पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है।
वहीं घटना के बाद स्थानीय लोग व परिजन स्थानीय प्रशासन और रेल प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। ताकि मृतक के परिवार का भरण पोषण हो सके।