ईएसएल, नाबार्ड और ग्रामीण सेवा संघ ने किसान दिवस मनाया
वेदांता ईएसएल स्टील लिमिटेड, नाबार्ड और ग्रामीण सेवा संघ के सहयोग से 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस का आयोजन किया गया। यह दिन देश के किसानों के अमूल्य योगदान को समर्पित है। कार्यक्रम के जरिए चास और चंदनकियारी ब्लॉक के 8 गांवों में 500 से अधिक आदिवासी किसान परिवारों की आजीविका सुधारने के लिए काम किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला गया।
प्रोजेक्ट वाड़ी: सतत कृषि और सशक्तिकरण की पहल
प्रोजेक्ट वाड़ी, ईएसएल स्टील लिमिटेड की एक प्रमुख सतत कृषि परियोजना है, जिसे नाबार्ड के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। यह परियोजना आदिवासी और महिला किसानों को सतत कृषि तकनीकों और लिंग समावेशन के जरिए उनकी खेती को बेहतर बनाने में मदद करती है। 450 एकड़ बंजर भूमि को खेती योग्य भूमि में बदला गया है, जिसमें बागवानी, अंतर-फसल और सिंचाई सुविधाएं शामिल हैं।
भूमिहीन किसानों के लिए विशेष पहल
50 भूमिहीन किसानों को पोल्ट्री, बकरी पालन, बत्तख पालन और मत्स्य पालन जैसे सूक्ष्म उद्यमों से जोड़ा गया है। यह पहल पूरे मौसम में आय सृजन सुनिश्चित कर रही है और किसानों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव ला रही है।
किसान दिवस समारोह की झलकियां
कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक आदिवासी नृत्य और स्वागत के साथ हुआ। ईएसएल स्टील लिमिटेड के सीएसआर प्रमुख श्री कुणाल दरिपा ने उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की। इस आयोजन में ड्रिप सिंचाई सुविधाओं का उद्घाटन किया गया, जो बारिश पर निर्भरता को कम कर उत्पादकता बढ़ाने में सहायक हैं। इसके अलावा, वाड़ी समितियों को कृषि उपकरण वितरित किए गए, जिससे श्रम की बचत और कार्य दक्षता में सुधार हुआ।
ईएसएल की प्रतिबद्धता
ईएसएल स्टील लिमिटेड के सीएसआर प्रमुख श्री कुणाल दरिपा ने कहा, “हम किसानों को टिकाऊ कृषि समाधान प्रदान करने और उनकी आय और जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
वाड़ी परियोजना का महत्व
यह परियोजना जल संसाधन प्रबंधन, सूक्ष्म उद्यम और आदिवासी किसानों के लिए बागवानी पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले आदिवासी परिवारों को आत्मनिर्भर बनाना और उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाना है।
ईएसएल स्टील लिमिटेड और नाबार्ड की साझेदारी
ईएसएल स्टील लिमिटेड, एक अग्रणी स्टील उत्पादक कंपनी, नाबार्ड के साथ साझेदारी कर किसानों के लिए स्थायी कृषि समाधानों को लागू कर रही है। नाबार्ड के आदिवासी विकास कोष (टीडीएफ) के तहत यह परियोजना किसानों को समर्पित है।
समुदाय और पर्यावरण के प्रति वचनबद्धता
वेदांता ईएसएल और ग्रामीण सेवा संघ के साथ यह पहल आदिवासी किसानों के जीवन में स्थायी सुधार लाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है।