◆राज्य की बदलती राजनीतिक परिस्थितियों में राज्यपाल विधिवेताओं से परामर्श कर विधिसम्मत निर्णय लें, ताकि संवैधानिक अधिकारों की हो सके रक्षा
RANCHI (रांची)। 2024 का नया साल झारखंड की राजनीति में नई हलचल लेकर आया है। साल के पहले दिन सत्ताधारी दल झामुमो के गांडेय विधानसभा सीट से विधायक सरफराज अहमद का इस्तीफा समाने आया। इसे लेकर जहा पूरे प्रदेश में चर्चा आम है। वहीं प्रमुख विपक्षी दल भाजपा सरकार पर हमलवार हो गई है।
झारखंड की राजनीति में हुई इस बदलाव को लेकर बड़े-बड़े नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी बातें रखनी शुरू कर दी हैं। इसी कड़ी में सोमवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक्स पर ताबड़तोड़ कई पोस्ट कर इस हलचल को और हवा दे दी। वहीं पूर्व भाजपा नेता और बर्तमान में निर्दलीय विधायक सरयू राय ने भी इस हलचल के दौरान सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देकर इसमे बल दिया।
वहीं मंगलवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने यह कहा कि राज्य में संविधान का मजाक उड़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल जाने से पहले अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। जबकि राज्य में अब कोई उप चुनाव नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि राज्य की बदलती राजनीतिक परिस्थितियों में राज्यपाल विधिवेताओं से परामर्श कर विधिसम्मत निर्णय लें, ताकि संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हो सके।