बिना किसी दबाब के छोड़ा विधायक का पद : डॉ सरफराज

GIRIDIH (गिरिडीह)। झारखंड मुक्ति मोर्चा के गांडेय विधानसभा क्षेत्र से विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद गांडेय विधानसभा सीट खाली हो गया है। इसे लेकर सोमवार को पूरे दिन राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चा होती रही। वहीं डॉ सरफराज अहमद ने फोन पर बताया कि उन्होंने निजी और पारिवारिक कारणों से विधायक के पद से इस्तीफा दिया है। यह उनका व्यक्तिगत फैसला है। इसके लिए ना तो उन्हें किसी ने बाध्य किया और ना ही उनपर दबाव बनाया।

 

उन्होंने कहा कि वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के सिपाही हैं और आगे भी रहेंगे। किसी दूसरी पार्टी में जाने का उनका कोई इरादा नहीं है। झामुमो मजबूत रहे, आइएनडीआइए गठबंधन मजबूत रहे, इसके लिए हमेशा सक्रिय रूप से काम करते रहेंगे।

कांग्रेस में पुनः वापसी से किया इंकार

डॉ सरफराज के इस्तीफे के बाद नए साल के पहले दिन सोमवार को दिन भर लोगों ने कई तरह के कयास लगाया। वहीं सोमवार को विधायक डॉ अहमद के गिरिडीह स्थित आवास के बाहर सन्नाटा पसरा रहा। सरफराज अहमद के क्षेत्र से बाहर होने की वजह से नए साल की बधाई देने पहुंचे उनके समर्थकों को भी निराशा हाथ लगी। हालांकि इस दौरान राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा भी आम होती रही कि झारखंड कांग्रेस के नए प्रभारी गुलाम अहमद मीर के साथ डॉ अहमद के काफी बेहतर संबंध रहे है। जिस कारण उनका पुनः कांग्रेस में वापसी की भी लोग चर्चा करते रहे। हालांकि इस बाबत उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं है। उन्होंने कहा कि विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद संगठन को मजबूत करने की दिशा में वह कार्य करते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनका राजनीतिक क्षेत्र में किसी से संबंध खराब नहीं हैं।

 

निशिकांत दुबे करते रहते है भविष्यवाणी

गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा निशिकांत दुबे तो रविवार को भी चुनाव आयोग का दफ्तर खोलकर सारे फाइल देखते हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को गांडेय सीट से विधानसभा में भेजे जाने की संभावना पर सांसद निशिकांत दुबे की बयानबाजी पर उन्होंने कहा कि मुझे कुछ नहीं कहना है। सांसद दुबे जी ईडी समेत सभी मामलों में पहले भी कई तरह की भविष्यवाणी करते रहे हैं।

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