GIRIDIH (गिरिडीह)। बाल विवाह करना कानूनी अपराध तथा सामजिक बुराई है जो बच्चों के अधिकार और उनके बचपन को छीन लेती है। 2019-2021 में आयोजित पांचवे राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण से पता चला कि 20 से 24 वर्ष की आयु के बीच की 23.3% लड़कियों की शादी 18 वर्ष की कानूनी उम्र से पहले हो जाती है। यह गंभीर चिंता का कारण है।आगामी सर्वेक्षण तक़ इस आंकड़े को कम करना ही अभियान का लक्ष्य है। इसके लिए सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाओं के साझा प्रयास से ही इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। उक्त बातें बनवासी विकास आश्रम के सचिव सुरेश कुमार शक्ति ने कही।
उन्होंने कहा कि बाल विवाह के खिलाफ ढ़ाई लाख लोगों को शपथ दिलवाने का लक्ष्य है जिसमे एक लाख से अधिक लोग, स्कूली छात्र छात्राएँ शपथ ले चुके हैँ, जिसका डिजिटल साक्ष्य है। इस अभियान में अभियान के जिला समन्वयक उत्तम कुमार, भागीरथी देवी, यशोदा देवी, रूपा कुमारी, प्रियंका कुमारी, बिनोद कुमार, ओमप्रकाश महतो आदि शामिल है।