टाटी झरिया में एक वर्ष पूर्व हुए भीषण सड़क हादसे में सिख समाज के 8 लोगों की गई थी जान
GIRIDIH (गिरिडीह)। गिरिडीह के सिख समाज के लिए बीते वर्ष 2022 का 17 सितंबर काला दिन साबित हुआ था। उस काले दिन याद कर न केवल सिख समाज के लोग अपितु पूरे गिरिडीह वासी आज भी सिहर उठते हैं। उस काले दिन ने समाज के आठ लोगों को असमय काल के गाल में समा दिया था। उस हादसे में समाज के अमृतपाल सिंह उर्फ सोनू, कमलजीत कौर, रणवीर कौर सलूजा, जगजीत कौर , भूपेंद्र सिंह, रविंदर कौर, सुरजीत सिंह, हरमीत सिंह की जहां मौत हो गई थी। वहीं दर्जनाधिक लोग घायल हो गये थे।
बीते वर्ष 17 सितम्बर को रांची में आयोजित कीर्तन समागम में शामिल होने गिरिडीह से सिख श्रद्धालुओं का एक जत्था एक बस पर सवार हो रांची जा रहा था। रांची जाने के क्रम में हजारीबाग जिले के टाटीझरिया के समीप सीमाने नदी के पास बस चालक ने अपना नियंत्रण खो दिया और बस अनियंत्रित हो नदी में गिर गई थी। जिसमे बस पर सवार 8 सिख श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। वहीं लगभग 2 दर्जन से अधिक लोग घटना में घायल हुये थे। वहीं घटना के दूसरे दिन सभी मृतकों के शव गिरिडीह पहुंच और गिरिडीह के मारवाड़ी श्मसान घाट में सबों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया उस दृश्य को देख वहां मौजूद हर खास-ओ-आम की आंखे छलक पड़ी थी। बरबस उनकी आंखों से अंशु निकल रहे थे।
उस घटना के आज एक वर्ष पूरे होने पर स्टेशन रोड स्थित प्रधान गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में उन सभी दिवंगत आत्मा की शांति हेतु शबद कीर्तन, अरदास और लंगर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देहरादून से पधारे रागी जत्था भाई हरप्रीत सिंह द्वारा शबद कीर्तन एवं भजन प्रस्तुत किये गये।

मौके पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सेवक डॉक्टर गुणवंत सिंह मोंगिया, सरदार अमरजीत सिंह सलूजा, चरणजीत सिंह सलूजा, गुरविंदर सिंह सलूजा, राजेंद्र सिंह, कुंवरजीत सिंह, सरबजीत सिंह, खुशमित सिंह, देवेंद्र सिंह, परमजीत सिंह कालू, त्रिलोचन सिंह, अवतार सिंह, ऋषि चावला, रॉबिन चावला, हरेंद्र सिंह मंगिया, जस्सी सिंह समेत काफी संख्या में समाज की महिला पुरुष और बच्चे मौजूद थे।