नट्सम्राट डॉ रघुनंदन प्रसाद “प्यासा” की स्मृति में नाट्य सेमिनार सम्पन्न

◆स्वस्थ्य मानसिकता के साथ रंगकर्मी करें रंगकर्म, हर सम्भव मिलेगा सहयोग : प्रकाश सहाय
◆विभिन्न कार्यक्रम चला सरकार रंगकर्मियों को दे रही प्रोत्साहन : रश्मि सिन्हा
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डॉ प्यासा के तस्वीर पर माल्यार्पण करती DPRO रश्मि सिन्हा

Giridih। गिरिडीह जिले के नाट्य व साहित्य जगत के पुरोधा रहे स्व डॉ रघुनंदन प्रसाद “प्यासा” की स्मृति में गुरुवार को एक नाट्य सेमिनार का आयोजन किया गया।आईना संस्था द्वारा आयोजित इस नाट्य सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में जिला अधिवक्ता संघ के अध्य्क्ष प्रकाश सहाय एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रश्मि सिन्हा व इनरव्हील क्लब की पूनम सहाय मुख्य रूप से उपस्थित थी। कार्यक्रम का शुभारंभ आगत अतिथियों द्वारा डॉ प्यासा के चित्र पर माल्यार्पण कर तथा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

 

सम्बोधित करते जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय

रंगकर्मी प्रदीप गुप्ता के संचालन में आयोजित इस सेमिनार को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने जिले के रंगकर्मियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि रंगकर्मी स्वस्थ्य मानसिकता के साथ रंगकर्म करें उन्हें हर संभव सहयोग किया जाएगा। उन्होंने रंगकर्मियों से आपसी प्रतिद्वंदिता को त्याग कर पूरी निष्ठा से अपने कर्म पथ पर गतिशील रहने की अपील की।

सम्बोधित करती DPRO रश्मि सिन्हा

वहीं विशिष्ट अतिथि जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रश्मि सिन्हा ने उपस्थिति रंगकर्मियों को हिंदी दिवस की बधाई दी। कहा कि हिंदी सबसे सुरीली और समृद्ध भाषा है। कहा कि नाट्य साधना में भी हिंदी समाहित है। हिंदी को और समृद्ध और सशक्त बनाने मे रंगकर्मियों का बड़ा ही सराहनीय योगदान रहा है। उन्होने कहा कि हर दिन एक समान नहीं रहता। पूर्व में रंगकर्मियों को सिवाय दर्शकों के प्रोत्साहन के कुछ नहीं मिलता था। लेकिन आज सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को चला कर रंगकर्मियों को आर्थिक रूप से प्रोत्साहित कर रही है। जरूरत है रंगकर्मियों को अपना हौसला बनाये रखने की और रंगकर्म के प्रति समर्पित रहने की।

दीप प्रज्ज्वलित करते अतिथि

सेमिनार को रंगकर्मी सह पत्रकार राजेश “अभागा” ने सम्बोधित करते हुए डॉ प्यासा के जीवन पर प्रकाश डाला और गिरिडीह के कला जगत में उनके योगदान को उपस्थित लोगों के बीच रखा। हालांकि अपने सम्बोधन में उन्होंने यह दुःख प्रकट किया कि आज गिरिडीह के रंगकर्मी उन्हें भूल गए है। गिरिडीह में उनके द्वारा शुरू किए गए आयोजन में भी उनकी विरासत को संभालने वाले उन्हें याद तक नहीं करते जो काफी दुखदायी और निंदनीय है। वहीं सेमिनार को वरिष्ठ रंगकर्मी बद्री दास, मदन मंजर्वे, बीरेंद्र कुमार राम, महेश अमन, नागेश्वर दास, शंकर पांडेय, प्रो छोटू प्रसाद, नवीन सिन्हा आदि ने भी सम्बोधित किया। सबों ने ही बर्तमान दौर में रंगकर्म में आये ह्रास पर चिंता जाहिर किया।

यह कार्यक्रम दो चरणों मे आयोजित था। कार्यक्रम के दूसरे में काव्य गोष्टी का आयोजन किया गया। जिसमें रंगकर्मी सह पत्रकार राजेश “अभागा” ने खोरठा कविता का पाठ कर काव्य गोष्ठी का शुभारंभ किया। वहीं अन्य कवियों में नवीन सिन्हा, हलीम असद, शंकर पांडेय, बीरेंद्र राम, शिव शंकर आजाद, महेश अमन आदि ने अपनी काव्य कृतियों का वाचन कर उपस्थित लोगों को स्वस्थ्य मनोरंजन कराया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ देवेश गुप्ता समेत आईना के सभी सदस्यों का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम समापन पूर्व धन्यवाद ज्ञापन भरतनाट्यम की नृत्यांगना प्रीति भास्कर ने की।

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