बोकारो जेनरल हॉस्पिटल में ठेका श्रमिकों की मेडिकल जांच

सुरक्षा एवं स्वास्थ्य का गहरा संबंध है तथा स्वस्थ कामगार ही सुरक्षित कार्यक्षेत्र निर्मित करने में सहायक होते हैं। इसी दिशा में बोकारो स्टील प्लांट के बोकारो जेनरल हॉस्पिटल द्वारा विभिन्न ठेकेदारों के अंदर काम कर रहे ठेका श्रमिकों  के मेडिकल चेक -अप की व्यवस्था की गई है। किसी भी ठेका मजदूर का गेट पास बनाने के पहले बीजीएच द्वारा उनका मेडिकल चेकअप होगा। मेडिकल चेकअप में उनका ब्लड टेस्ट, ब्लड प्रेशर, ई सी जी, हाइट, वेट, बी एम आई जैसे कुछ बेसिक पैरामीटर्स की जांच की जाएगी। किसी भी पैरामीटर के निर्धारित स्तर से बाहर होने पर उन्हें उचित इलाज करवाने की सलाह दी जाएगी और चार सप्ताह (28 दिन ) के बाद वे पुनः अपनी जांच बीजीएच में करवा सकते हैं, और फिट पाए जाने पर, सेफ्टी ट्रेनिंग के पश्चात उन्हें गेट पास निर्गत हो सकेगा।

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निकट या दूर दृष्टि दोष जैसी छोटी-मोटी समस्या जिसे चश्मे के इस्तेमाल से ठीक किया जा सकता है, वैसे वर्कर्स उचित पावर का चश्मा लगवा कर पुनः एक सप्ताह के बाद बीजीएच में अपने आंखों की जांच करवा कर सेफ्टी ट्रेनिंग के पश्चात अपना गेट पास बनवा सकते हैं। बीजीएच में प्रत्येक कार्यदिवस पर 50 ठेका श्रमिकों  की मेडिकल जांच की जाएगी। जिनका भी मेडिकल चेकअप का स्लॉट बुक करवाया गया होगा, उनके इंजीनियर इंचार्ज को और कॉन्ट्रैक्टर को, उनके बीएसएल में रजिस्टर्ड मेल आई डी पर, कम से कम एक दिन पहले मेल चला जाएगा। ठेका श्रमिकों  को निर्धारित तिथि पर बीजीएच में खाली पेट सुबह 7.30 बजे तक रिपोर्ट करना है। वैसे ठेका श्रमिक जो  मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर फिट होंगे, उन्हें अगले दिन दो दिनों की सेफ्टी ट्रेनिंग के लिए जाना होगा। बीजीएच की जांच रिपोर्ट उसी दिन शाम के 7 बजे तक इंजीनियर इंचार्ज और कॉन्ट्रैक्टर को मेल द्वारा प्रेषित कर दी जाएगी।

बीएसएल अपने सभी कार्मिकों तथा ठेका श्रमिकों के बेहतर स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्ध है और इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए ठेका कर्मियों के स्वास्थ्य जांच की शुरुआत की गई है.  इस क्रम में यदि किसी कामगार की जाँच रेपोर्ट में किसी समस्या की पहचान होती है तो इसके उचित इलाज की सलाह दी जाती है जो अंततः कामगार के लिए लाभकारी है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि ठेका श्रमिकों को गेट पास निर्गत करने की पूरी प्रक्रिया में, इसके अलावा कि उनकी मेडिकल जांच अब बाहर के चिकित्सक के द्वारा ना होकर बीजीएच में होगी, कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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