बोकारो के ढंडाबर और सियालजोड़ी गांवों में शुक्रवार को ईएसएल स्टील लिमिटेड ने अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (AIF) के साथ साझेदारी में दो नए लर्निंग रिसोर्स सेंटर (LRC) का उद्घाटन किया। यह पहल ‘प्रोजेक्ट शिक्षा’ के अंतर्गत की गई है, जिसे पहले ‘प्रोजेक्ट प्रेरणा’ के नाम से जाना जाता था। नाम बदलने के साथ यह अभियान अब ग्रामीण शिक्षा में बदलाव की नई सोच और प्रतिबद्धता को दर्शा रहा है।
नए केंद्रों को “वन-स्टॉप एजुकेशन सेंटर” के रूप में विकसित किया गया है, जहां बच्चों को प्रारंभिक बाल शिक्षा, आधारभूत साक्षरता एवं गणितीय ज्ञान, STEM, कंप्यूटर, अंग्रेज़ी भाषा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जैसी शिक्षा एक ही छत के नीचे दी जाएगी। उद्देश्य है बच्चों को ऐसा समृद्ध वातावरण देना, जहां जिज्ञासा, आत्मविश्वास और नेतृत्व के गुण विकसित हो सकें।
ढंडाबर में आयोजित उद्घाटन समारोह में ईएसएल स्टील लिमिटेड के डिप्टी सीईओ और वॉल-टाइम डायरेक्टर रविश शर्मा ने कहा कि शिक्षा सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी साधन है, और ‘प्रोजेक्ट शिक्षा’ हर बच्चे को समान अवसर देकर बेहतर भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में मजबूत कदम है। उन्होंने कहा कि ईएसएल, अपने आसपास के समुदायों के सर्वांगीण विकास के लिए सदैव प्रतिबद्ध है।
इस मौके पर ईएसएल के सीएसआर प्रमुख कुनाल दरिपा, अलकुशा के मुखिया रोहित रजक, वार्ड सदस्य आनंद चौबे और स्थानीय नेता शेखर चौबे भी मौजूद रहे। वहीं, सियालजोड़ी कार्यक्रम में ईएसएल के डायरेक्टर (स्टील) जागेश्वर प्रसाद वर्मा, सीएसआर प्रमुख कुनाल दरिपा, प्राचार्य संजय महतो और वार्ड सदस्य संजय महतो समेत कई अन्य लोग शामिल हुए।
प्रोजेक्ट शिक्षा के अंतर्गत अब तक छह लर्निंग रिसोर्स सेंटर और 12 नंदघरों को संचालनात्मक सहयोग मिल चुका है। इस पहल से अब तक 958 बच्चों को लाभ पहुंचा है, जिनमें न केवल शैक्षणिक उपलब्धियां शामिल हैं, बल्कि आत्मविश्वास, नेतृत्व और जीवन कौशल का भी विकास हुआ है।
ईएसएल स्टील लिमिटेड, झारखंड के सियालजोड़ी गांव में स्थित एक अग्रणी स्टील कंपनी है, जो अत्याधुनिक तकनीक और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के साथ 1.5 मिलियन टन वार्षिक क्षमता के स्टील उत्पादों का निर्माण करती है। सामाजिक बदलाव के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए कंपनी ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि उसका विकास केवल उद्योग तक सीमित नहीं, समाज की जड़ों तक फैला हुआ है।