एक चिकित्सक अधिकतम दो क्लीनिकों में कर सकते हैं प्रैक्टिस, सुनिश्चित करें टीमः उपायुक्त

  • नियमित अल्ट्रासाउण्ड क्लीनिकों का करें औचक निरीक्षण, फार्म – एफ की स्क्रूटनी कर संबंधित क्लीनिकों को भेजें नोटिस
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  • सिविल सर्जन कार्यालय में पदस्थापित प्रधान सहायक का कार्य में लापरवाही को लेकर वेतन स्थगित का दिया निर्देश
  • पीसीपीएनडीटी एक्ट का अक्षरशः अनुपालन नहीं करने वाले क्लिनिकों पर की जाएगी सख्त कार्रवाई

 बोकारो: जिले के निजी क्लिनिकों में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए बोकारो की उपायुक्त विजया जाधव ने कड़े कदम उठाए हैं। बुधवार को समाहरणालय स्थित कार्यालय में आयोजित जिला सलाहकार समिति की बैठक में उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि एक चिकित्सक अधिकतम दो क्लिनिकों में ही अपनी सेवाएं दे सकते हैं और उन क्लिनिकों के बीच की दूरी 8-10 किलोमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।

अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों पर विशेष ध्यान: बैठक में उपायुक्त ने जिले में चल रहे अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों के निबंधन और नवीकरण प्रक्रिया की भी समीक्षा की। उन्होंने नोडल पदाधिकारी को निर्देश दिया कि अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों के फार्म-एफ की गहन जांच की जाए और किसी भी त्रुटि या कमी मिलने पर संबंधित क्लिनिक को तुरंत नोटिस जारी किया जाए। उन्होंने कहा, “यह सुनिश्चित किया जाए कि फार्म में सभी जानकारी स्पष्ट और सही हो।”

PCPNDT एक्ट के पालन पर जोर: बैठक के दौरान उपायुक्त ने PCPNDT एक्ट के तहत अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों को एक्ट का अक्षरशः पालन करने का सख्त निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यदि जांच के दौरान एक्ट का उल्लंघन पाया गया, तो क्लिनिक संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, नोडल पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि जिले के सभी प्रखंडों में जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन किया जाए, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों और महिला समूहों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

सिविल सर्जन कार्यालय पर कार्रवाई: बैठक के दौरान, सिविल सर्जन कार्यालय में कार्यरत प्रधान सहायक की कार्य में लापरवाही पर उपायुक्त ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने नियमित बैठकें नहीं करने और फार्म-एफ की स्क्रूटनी में दिलचस्पी नहीं लेने पर प्रधान सहायक का वेतन अगले आदेश तक स्थगित करने का आदेश दिया। इसके अलावा, सिविल सर्जन को निजी अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों के साथ एमओयू करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए।

आवश्यक निर्देश और कार्य योजना: उपायुक्त ने PCPNDT मद में उपलब्ध राशि का उपयोग जागरूकता फैलाने और सील सामग्रियों को सुरक्षित रखने के लिए मालखाना को व्यवस्थित करने में करने के निर्देश दिए। साथ ही, सभी स्वास्थ्य केंद्रों और कार्यालयों में जागरूकता सामग्री लगाने का भी आदेश दिया गया।

कानूनी सलाह: बैठक के दौरान कानूनी सलाहकार प्रियंका सिंघल ने PCPNDT एक्ट के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से समिति के सदस्यों को जानकारी दी और उन्हें एक्ट के अनुपालन में आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी।

 उपायुक्त विजया जाधव के इन निर्देशों से जिले के निजी क्लिनिकों में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के प्रयास तेज हो गए हैं। जिले के स्वास्थ्य विभाग को अब इस दिशा में और अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है, ताकि जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें और कानूनी प्रावधानों का सख्ती से पालन हो।

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