◆141वीं जयंती पर याद किये गये तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती
GIRIDIH (गिरिडीह)। भारतीय भाषा दिवस पर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बरगंडा में सोमवार को तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती की 141वीं जयंती मनाई गई।
प्रभारी प्रधानाचार्य राजीव सिन्हा ने सुब्रमण्यम भारती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर तथा उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। मौके पर उपस्थित सभी स्कूली बच्चों शिक्षकों व शिक्षिकाओं ने भी उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान प्रभारी प्रधानाचार्य राजीव सिन्हा ने सुब्रमण्यम भारती के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन से ही वे कुशाग्र बुद्धि के थे। उन्होंने तमिल के अलावा कई भारतीय भाषाओं में रचना की है। तमिलनाडु स्थित उनका घर आज भारतीय ईलम के नाम से जाना जाता है।
वहीं मौके पर राजेंद्र लाल बरनवाल ने कहा कि सुब्रमण्यम भारती महाकवि भारतियार के नाम से भी जाने जाते हैं। उनकी कविताओं में राष्ट्रभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई थी। वह कवि होने के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल सेनानी, समाज सुधारक, पत्रकार तथा उत्तर व दक्षिण भारत के मध्य एकता सेतु के समान थे।
इस जयंती कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के समस्त आचार्य दीदी जी की भूमिका सराहनीय रही। कार्यक्रम में विद्यालय के सभी भैया-बहन मौजूद थे।