बेटे के टनल से सुरक्षित निकलने के पूर्व ही सदमे में स्वर्ग सिधार गया पिता

DUMARIA (डुमरिया)। उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में बीते 17 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को मंगलवार की शाम सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इन मजदूरों में झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड के भी 6 मजदूर शामिल थे।

बाहदा गांव निवासी भक्तू मुर्मू भी शामिल

डुमरिया प्रखंड के उन 6 मजदूरों में बांकीशील पंचायत के बाहदा गांव निवासी 29 वर्षीय भक्तू मुर्मू भी शामिल है। भक्तू मुर्मू के टनल में फंसने की सूचनस जबसे पिता को मिली थी वो काफी पिता सदमे में थे। हालांकि मंगलवार को भक्तू मुर्मू को टनल से सुरक्षित निकाल लिया गया। लेकिन भक्तू के टनल से बाहर आने से पहले उनके पिता बारसा मुर्मू की मौत हो गई।

टनल से बाहर निकलने के बाद जब भक्तू को उनके पिता के निधन की सूचना दी गई तो उसकी रुलाई फूट पड़ी।

खाट से गिरकर हुई मौत

भक्तू के परिजनों ने बताया कि मंगलवार को भक्तू के पिता बारसा मुर्मू खाट पर बैठे थे। अचानक वे नीचे गिर गए और उनकी मौत हो गयी। बताया गया कि भक्तू के टनल में फंसने की सूचना के बाद से बारसा मुर्मू काफी सदमे में थे। भक्तू का बड़ा भाई नारायण भी रोजी रोटी कमाने चैन्नई गया हुआ है। वहीं उसका एक अन्य भाई दूसरे गांव में मजदूरी करता है।

भक्तू के घर नहीं पहुंचा था कोई अधिकारी

सिकल्यारा टनल में भक्तू के अलावा उनके गांव के ही सोंगा बांडरा भी फंसे थे। वहीं सोंगा, भक्तू से पहले टनल से बाहर आ गया था। ऐसे में भक्तू के परिजनों को सोंगा ने ही फोन पर वहां टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए क्या कुछ प्रयास हो रहा है इसकीं जानकारी मिलती थी। ग्रामीणों ने बताया कि 12 नवंबर के बाद कोई भी अधिकारी हालचाल पूछने और सांत्वना देने भी नहीं पहुंचा था। जिसके बाद हर दिन मिल रही निराशाजनक सूचना के कारण बारसा सदमे में चले गए और मंगलवार शाम को उनकी मृत्यु हो गई।

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