गिरिडीह का पुराना समाहरणालय परिसर बना वाहन पार्किंग स्थल

◆सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक यहां होती है कई चार पहिया वाहनों की पार्किंग
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[ राजेश कुमार ] 

GIRIDIH (गिरिडीह)। गिरिडीह जिले का पुराना समाहरणालय परिसर इन दिनों चारपहिया वाहनों का पार्किंग स्थल बन गया है। यहां सुबह के 11 बजे शाम के 4 बजे तक प्रत्येक कार्यालय दिवस पर चार पहिया वाहनों की पार्किंग होती है।

पुराना समाहरणालय परिसर में सुबह के 11 बजते ही वाहनों का आना शुरू हो जाता है और 4:00 बजे तक वाहनों का पार्किंग कर लोग आराम से अपने कार्यों को निपटाते हैं और बाद में अपने वाहनों को लेकर वापस अपने गंतव्य को लौट जाते हैं।

कचहरी परिसर में है दुपहिया वाहनों की पार्किंग व्यवस्था

 

बता दें कि कचहरी परिसर में जिला प्रशासन द्वारा दोपहिया वाहनों की पार्किंग व्यवस्था की गई है।
वहीं मुख्य सड़क के किनारे नगर निगम द्वारा बनाये गये पार्किंग स्थलों पर फुटपाथ दुकानदारों ने अवैध तरीके से कब्जा कर रखा है। जिस कारण वहां किसी भी वाहन का पार्किंग नहीं होता है। इसमे गलती सिर्फ उन फुटपाथ दुकानदारों की ही नहीं बल्कि सरासर गलती नगर निगम की भी है।

 

नहीं है कहीं चारपहिया वाहनों की पार्किंग व्यवस्था

 

गौतलब है कि जिला मुख्यालय में कहीं भी चार पहिया वाहनों का कोई पार्किंग स्थल चयनित नहीं है। जिस कारण सड़क किनारे लोग बेतरतीब तरीके से वाहन पार्क कर देते हैं। जिससे मुख्य सड़क पर अक्सर जाम की समस्या उत्पन्न होती है। ऐसे में चारपहिया वाहन चालकों व मालिकों के लिये पुराना समाहरणालय परिसर इन दिनों वाहन पार्किंग के लिये वरदान साबित हो रहा है।

नगर निगम की गलत नीति से लगती है शहर में जाम

 

नगर निगम द्वारा हाट बाजारों में लगने वाले फल सब्जी विक्रेताओं से लगान वसूली करने हेतु टेंडर किया गया है। जिन्हें यह लगान वसूली का टेंडर मिला है उनके नुमाइंदे इन पार्किंग स्थलों में दुकान लगाने वालों से भी टैक्स की वसूली करते है और बदले में उन्हें टैक्स की रसीद भी देते हैं। जिससे वे अतिक्रमणकारी पूरे हिम्मत और हौसले के साथ दोगुने जोश से वहां अपनी दुकानें लगते हैं। यदि ये टैक्स वसूली कर्ता नुमाइंदा उन अतिक्रमण करियों से टैक्स न लेकर उन्हें पूरी मुस्तेदी से वहां से खदेड़ भगाये तो निश्चित तौर पर शहर की प्रमुख सड़कें अतिक्रमण करियों से मुक्त हो सकता है।

 

पुराना जेल परिसर बनेगा पार्किंग स्थल

 

हालांकि पिछले दिनों पुराना जेल परिसर को पार्किंग स्थल के रूप में परिवर्तित करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा चयन किया गया है। लेकिन इसमें चार पहिया वाहन की पार्किंग किस तरह की व्यवस्था होगी इसका खुलासा नहीं हुआ है। हालांकि इतना तो तय है कि चारपहिया वाहनों की पार्किंग व्यवस्था शहर में होने से लोगों को काफी सहूलियत होगी।

पुराना समाहरणालय में चलता था कई कार्यालय

 

बता दें कि पुराना समाहरणालय में उपायुक्त कार्यालय समेत अमूमन सभी विभाग का कार्यालय संचालित होता था। यहां डीसी, डीडीसी, एसी, एनडीसी, डीपीओ आदि पदाधिकारी के कार्यालय के निर्वाचन, पंचायत, समाज कल्याण आदि विभाग के भी कार्यालय संचालित थे। लेकिन पपरवाटांड में नया समाहरणालय भवन बन जाने के बाद सभी कार्यालय वहां शिफ्ट हो गए।

जब यहां उपयुक्त का कार्यालय चलता था तो समाहरणालय परिसर में प्रवेश के दोनों मुख्य द्वार पर चपरासी की तैनाती होती थी। जो नियमित रूप से वाहनों को अंदर आने-जाने का परमिशन देते थे। लेकिन हाल के दिनों में यह व्यवस्था नहीं है। जिसका फायदा उठा चारपहिया वाहन मालिक उठा रहे हैं, और निःसंकोच अपने वाहनों की यहां पार्किंग कर रहे हैं।

 

बर्तमान में यह पुराना भवन न्यायालय के अधीन

 

बताया जाता है कि वर्तमान समय में यह पुराना समाहरणाल परिसर व भवन गिरिडीह न्यायालय के अधीन है। यहां एलआरडीसी नकल खाना एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तहत कई कार्यालयों का संचालन किया जा रहा है। इस वजह से यह परिसर खाली रहता है। इसका फायदा उठाकर लोग यहां अपने चार पहिया वाहनों की पार्किंग कर सुरक्षित महसूस करते हैं।

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