APRAHANVARTA NEWS DESK
हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है दीपावाली। यह एक पर्व न होकर पर्वों का एक समूह है, जो पूरे 05 दिनों तक चलता है। दीपावाली पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है और समापन भाई दूज के बाद होती है। दीवाली का हर दिन बेहद खास होता है। इसे सुख-समृद्धि का पर्व माना जाता है।
इस पर्व के दौरान मुख्य रूप से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस साल दीवाली पर्व का पहला त्योहार यानी धनतेरस 10 नवम्बर को मनाया गया, आज 11 नवम्बर को छोटी दीवाली है। 12 नवम्बर को बड़ी दीवाली, 14 को गोवर्धन पूजा, 15 नम्बर को भाई दूज मनाया जायेगा। 15 नवम्बर को ही चित्रगुप्त पूजा भी मनाया जायेगा। जिसमे प्राणियों के कर्मों का लेखा जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है।
छोटी दीवाली पूजा मुहूर्त
इस साल छोटी दीवाली 11 नवम्बर को मनायी जायेगी। छोटी दीवाली पर माता लक्ष्मी, भगवान हनुमान और मां काली की पूजा की जाती है। इस दीवाली हनुमान पूजा का मुहूर्त देर रात 11:15 से 12:07 बजे तक है। वहीं, मां काली की पूजा भी रात 11:15 से 12:07 बजे तक की जायेगी।
दीवाली पूजा मुहूर्त
इस वर्ष दीवाली पर्व 12 नवम्बर को मनाया जायेगा। इस दिन सुख समृद्धि और धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है। इस वर्ष लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:18 से 07:14 तक है। दीवाली पर शारदा पूजा, काली पूजा और चोपड़ा पूजा भी की जाती है। दीवाली पर शारदा पूजा और चोपड़ा पूजा का मुहूर्त सायाह्न मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) प्रात: 05:08 से 10:03 रात्रि तक मुहूर्त (लाभ) – देर रात 01:19 बजे से 02:57 बजे तक, ऊषाकाल मुहूर्त (शुभ) प्रात: 04:36 बजे से 06:14 बजे तक, दीवाली पर काली पूजा मुहूर्त काली पूजा निशिथ काल 11:15 से 12:07 बजे तक है।
नरक चतुर्दशी मुहूर्त
नरक चतुर्थी 12 नवम्बर 2023 को दीवाली वाले दिन मनायी जायेगी। नरक चतुर्दशी पर अभ्यंग स्नान मुहूर्त सुबह 05:00 से 06:13 बजे तक रहेगा। नरक चतुर्दशी के दिन चन्द्रोदय का समय सुबह 05:00 का है।
गोवर्द्धन पूजा मुहूर्त
इस साल गोवर्द्धन पूजा का त्योहार 14 नवम्बर को मनाया जायेगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06:15 से 08:25 तक रहेगा। जबकि, गोवर्द्धन पूजा की तिथि 13 नवम्बर की दोपहर 02:56 बजे से 14 नवम्बर की दोपहर 02:36 तक रहेगी।
भाई दूज मुहूर्त
इस साल भाई दूज का त्योहार 15 नवम्बर को मनाया जायेगा। इस दिन भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:46 से 02:56 तक रहेगा। जबकि, भाई दूज की तिथि 14 नवम्बर की दोपहर 02:36 से 15 नवम्बर की दोपहर 01:47 बजे तक है।
चित्रगुप्त पुजा
इस वर्ष चित्रगुप्त पूजा 15 नवम्बर को मनाया जायेगा। इस दिन कायस्थ समाज से जुड़े लोग अपने आराध्य देव भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना करते है। भगवान चित्रगुप्त यमपुरी में निवास करते हैं, और सभी प्राणियों के कर्मों का लेखा जोखा रखते हैं। इनके द्वारा ही प्रस्तुत प्राणियों के लेखा जोखा के आधार पर प्राणी को उनके कर्मों का फल प्राप्त होता है। भगवान चित्रगुप्त ब्रम्हा जी के मानस पुत्र हैं। जिनकी उत्पत्ति ब्रम्हा जी काया से हुई है। जिस कारण इनके कुल वंसजों को कायस्थ की संज्ञा से नवाजा गया है, इनके कुल वंसज कायस्थ कहलाते हैं।