◆बच्चों में मौलिकता एवं निर्माण शीलता के गुण परखने के माध्यम होता है आयोजन : राजीव सिन्हा
GIRIDIH (गिरिडीह)। दीपोत्सव के पूर्व संध्या पर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में शुक्रवार को बालिका व्यक्तित्व विकास वर्ग का आयोजन हुआ। जिसमे कक्षा तृतीय से द्वादश तक के बहनों ने भाग लिया। कार्यक्रम में एकल नृत्य, गीत, तत्क्षण भाषण, मूक अभिनय एवं रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमे विद्यालय की बालिकाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
मौके पर प्रभारी प्रधानाचार्य राजीव सिन्हा ने बताया कि सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ सर्वांगीण विकास पर ध्यान दिया जाता है।व्यक्तित्व वह है जो एक व्यक्ति में निहित है। बच्चों में मौलिकता एवं निर्माण शीलता के गुण अधिक मात्रा में होते हैं ऐसे बच्चों की परख ऐसे ही कार्यक्रमों में हो पता है। उनकी रुचि, क्षमता, कौशल संज्ञानात्मक विकास, परिपक्वता आदि को ध्यान में रखकर विद्या भारती द्वारा ऐसी योजना तय की जाती है।
प्रतियोगिता में एकल नृत्य में बहन सुरभि प्रथम, पायल द्वितीय एवं अदिति तृतीय, गीत में बहन सृष्टि प्रथम, सिद्धि प्रिया द्वितीय एवं वैष्णवी तृतीय, मूक अभिनय में निधि कुमारी प्रथम, पल्लवी द्वितीय एवं प्रिय नृत्य स्थान प्राप्त किया। वहीं सदन आधारित रंगोली प्रतियोगिता में शिवाजी सदन प्रथम, रमन सदन द्वितीय, टैगोर सदन तृतीय स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में सरिता कुमारी, सरिता बरनवाल, निशा श्रेष्ठ, मोनिका सिंह, मधु श्रेय, अजीत मिश्रा, अमित दुबे, राजेंद्र लाल बरनवाल, मनीष पाठक आदि का योगदान सराहनीय रहा।