हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका
JAMSHEDPUR (जमशेदपुर)। झारखंड हाईकोर्ट की जनहित याचिका नियमावली 2010 के कुछ प्रावधानों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. प्रार्थी मंटू सोनी ने अपने अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता के माध्यम से यह याचिका दायर की है.
याचिका में विधि सचिव और हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को प्रतिवादी बनाया गया है.
जनहित याचिका में नियमावली 2010 की धारा सात, नौ और दस को चुनौती दी गई है. प्रार्थी का कहना है कि ये धाराएं अस्पष्ट और असंवैधानिक हैं. संबधित धाराओं में क्रिडेंसियल्स शब्द का उल्लेख किया गया है. परंतु उसे न ही परिभाषित किया गया है और न ही उसकी व्याख्या की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका से संबंधित प्रावधान में यह स्पष्ट किया है कि जनहित याचिका के आवेदक को किन-किन बिंदुओं पर स्पष्ट जानकारी देनी है, परंतु यहां अस्पष्टता है. परंतु झारखंड हाईकोर्ट के जनहित याचिका नियम की धाराओं में अस्पष्टता है.
जिससे आवेदकों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और प्रार्थी का संवैधानिक मूल अधिकार भी प्रभावित होता है.
प्रार्थी ने कहा है कि झारखंड हाईकोट के जनहित याचिका नियम 2010 की धारा में याचिकाकर्ता के ऊपर सिविल या क्रिमिनल मुकदमों का स्पष्ट रूप से विवरण देना अनिवार्य नहीं बताया गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के जनहित नियमावली में स्पष्ट किया गया है कि याचिकाकर्ता पर किसी भी नागरिक, आपराधिक या राजस्व मुकदमे से संबंधित विवरण, जिसका जनहित याचिका में शामिल मुद्दों के साथ कानूनी संबंध हो या आगे हो सकता है, इसका विवरण देना अनिवार्य किया गया है.
रिपोर्ट : एजेंसी