दिवंगत कैलाश बैठा का फाइल फोटो
गिरिडीह। बिरनी प्रखण्ड के प्रमुख रामु बैठा के छोटे भाई कैलाश बैठा उर्फ मांदो बैठा (50 वर्ष) की गुरुवार सुबह अचानक निधन हो गया। उनके निधन से पूरा इलाका शोक में डूब गया है। कैलाश बैठा अपने पीछे माँ, पत्नी, दो बेटे और एक बेटी के साथ एक भाई प्रमुख रामु बैठा और उनका परिवार छोड़ गए हैं। दिवंगत कैलाश बैठा की एक बेटी और एक बेटे का विवाह हो चुका है जबकि उनका छोटा बेटा कुंवारा है।
जानकारी के अनुसार कैलाश बैठा की गुरुवार अहले सुबह आचानक तबियत बिगड़ गयी। परिजन उन्हें इलाज हेतु धनबाद ले जा रहे थे। धनबाद ले जाने के क्रम में रास्ते मे ही उनकी मौत हो गई। उनके निधन की खबर सुन इलाके के सभी लोग स्तब्ध है।
बता दें कि प्रमुख रामु बैठा तीन भाईयों में मंझीले भाई है। इनके बड़े भाई का निधन 16 जनवरी 2005 को ठीक उसी दिन जिस दिन जननायक कॉ महेंद्र सिंह की माओवादियों ने हत्या कर दी थी, कोलियरी में चाल धसने से हो गयी थी। वहीं आज गुरुवार को उनके छोटे भाई का भी निधन हो गया है। अब प्रमुख रामु बैठा अकेले रह गये हैं। पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रमुख रामु बैठा फिलवक्त दिल्ली में हैं। उन्हें घटना की सूचना दे दी गयी है। सूचना मिलते ही वे वापसी के लिये निकल चुके है। अपराह्न तीन बजे तक वे बिरनी पहुच जाएंगे उसके बाद दिवंगत कैलाश बैठा का अंतिम संस्कार स्थानीय श्मसान घाट में किया जाएगा।
इधर,कैलाश बैठा के इस आकस्मिक निधन पर बिरनी के पूर्व प्रमुख सीता राम सिंह, जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि सीताराम पासवान, माले नेता रामविलास पासवान, मुंसी विश्वकर्मा, बालेश्वर पासवान, सीताराम पंडित, मुखिया दिलीप दास, राजेश कुमार समेत काफी संख्या में हित, कुटुम्ब, नाते, रिश्तेदारों के साथ समाज और विभिन राजनीतिक दलों से जुड़े लोग उनके घर पहुंच दिवंगत का अंतिम दर्शन कर उनकी आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिवार को इस आकस्मिक दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं, और शोककुल परिवार ढांढस बंधवाने में जुटे हैं।